दिल्ली– पुराने संसद भवन के भीतर संसद के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि’इस सदन से विदाई लेना एक बेहद भावुक पल है, परिवार भी अगर पुराना घर छोड़कर नए घर जाता है तो बहुत सारी यादें उसे कुछ पल के लिए झकझोर देती है और हम यह सदन को छोड़कर जा रहे हैं तो हमारा मन मस्तिष्क भी उन भावनाओं से भरा हुआ है और अनेक यादों से भरा हुआ है। उत्सव-उमंग, खट्टे-मीठे पल, नोक-झोंक इन यादों के साथ जुड़ा है.’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुराने संसद भवन का इतिहास बताया. मोदी ने कहा कि ‘इस इमारत के निर्माण का निर्णय विदेशी शासकों का था, लेकिन यह बात हम न कभी भूल सकते हैं और हम गर्व से कह सकते हैं कि भवन के निर्माण में पसीना मेरे देशवासियों का लगा था, परिश्रम मेरे देशवासियों का लगा था और पैसे भी मेरे देश के लोगों के लगे थे।’ मोदी ने कहा- ‘इस 75 वर्ष की हमारी यात्रा ने अनेक लोकतांत्रिक परंपराओं और प्रक्रियाओं का उत्तम से उत्तम सृजन किया है और इस सदन में रहे प्रत्येक व्यक्ति ने सक्रियता से योगदान भी दिया है और साक्षी भाव से उसे देखा भी है। हम भले नए भवन में जाएंगे लेकिन पुराना भवन यानी यह भवन भी आने वाली पीढ़ियों को हमेशा प्रेरणा देता रहेगा.
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पुराने संसद भवन के भीतर संसद के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि’इस सदन से विदाई लेना एक बेहद भावुक पल है, परिवार भी अगर पुराना घर छोड़कर नए घर जाता है तो बहुत सारी यादें उसे कुछ पल के लिए झकझोर देती है और हम यह सदन को छोड़कर जा रहे हैं तो हमारा मन मस्तिष्क भी उन भावनाओं से भरा हुआ है और अनेक यादों से भरा हुआ है। उत्सव-उमंग, खट्टे-मीठे पल, नोक-झोंक इन यादों के साथ जुड़ा है.’
पुराने संसद भवन के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं पहली बार जब संसद का सदस्य रहा… पहली बार एक सांसद के रूप में इस भवन में मैंने प्रवेश किया तो सहज रूप से मैंने संसद भवन की चौखट पर अपना शीश झुका दिया। इस लोकतंत्र के मंदिर को श्रद्धाभाव से नमन करते हुए मैंने पैर रखा था। वह पल मेरे लिए भावनाओं से भरा हुआ था। मैं कल्पना नहीं कर सकता लेकिन भारत के लोकतंत्र की ताकत है, कि रेलवे प्लेटफॉर्म पर गुजारा करने वाला एक बच्चा पार्लियामेंट पहुंचता है। मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि देश मुझे इतना सम्मान देगा.
संसद के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमें कल और आज से जुड़ने का मौका मिल रहा है. यहां भी राजनीति आड़े आ रही है.उन्होनें कहा कि नेहरु जी की गौरवगान पर सदन में ताली बजती है. पीएम ने कहा कि ये वो सदन है जहां कभी भगत सिंह, बटुकेश्वर दत्त ने अपनी वीरता सामर्थ्य को बम का धमाका करके अंग्रेजी सल्तनत को सोते से जगा दिया था. नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकारें आएंगी जाएगी, पार्टियां बनेंगी बिगड़ेंगी, लेकिन ये देश बना रहना चाहिए. नरेंद्र मोदी ने कहा कि पंडित नेहरू की जो आरम्भिक कैबिनेट थी उसमें बाबा साहेब बहुत योगदान दिया करते थे. बाबा साहेब ने देश को नेहरू जी की सरकार में देश को वाटर पॉलिसी दी थी. पीएम ने कहा कि आंबडेकर जी एक बाद कहते थे कि देश का औद्योगिकरण होना चाहिए, क्योंकि उससे देश के दलितों का भला होगा. श्यामाप्रसाद मुखर्जी ने इस देश में पहली इंडस्ट्री पालिसी दी. उन्होंने कहा कि शास्त्री जी ने 65 के युद्ध में देश के सैनिकों का हौंसला इसी सदन से बढ़ाया था. बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम के आंदोलन इदिरा गांधी के नेतृत्व में इसी सदन ने देखा था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ना जाने कितने ही अनगिनत लोग होंगे, जिन्होंने हम सब अच्छे तरीके से काम कर सकें, तेजी से काम कर सकें, उसके लिए जिस-जिस ने भी योगदान दिया, उन्हें मैं विशेष रूप से भी और इस सदन की तरफ से भी नमन करता हूं.
प्रधानमंत्री ने आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि पूरे विश्व में ये हमला एक इमारत पर नहीं था, बल्कि एक प्रकार से हमारी जीवात्मा पर ये हमला था. ये देश उस घटना को कभी नहीं भूल सकता है. लेकिन आतंकियों से लड़ते- लड़ते, सदस्यों को बचाने के लिए जिन्होंने अपने सीने पर गोलियां झेलीं आज मैं उनको भी नमन करता हूं. जब आज हम इस सदन को छोड़ रहे हैं तो मैं उन पत्रकारों को भी याद करना चाहता हूं, जिन्होंन यहां रिपोर्टिंग की है, उनकी समार्थ्यता थी कि वो अंदर की खबर और अंदर के अंदर की खबर भी पहुंचाते थे, उनके काम को कोई भूल नहीं सकता है. खबरों के लिए के लिए नहीं, बल्कि भारत की विकास यात्रा के लिए उन्होंने सबकुछ खपा दिया, उनको याद करने का समय है- जैसी ताकत यहां की दीवारों की रही है, वैसा ही दर्पण उनकी कलम में रहा है. कई पत्रकार बंधुओं के लिए भी ये सदन छोड़ना आज भावुक पल रहा होगा.
इंदिराजी को देशने खो दिया सदनने उन्हें अश्रुपूरित श्रद्धांजलि दी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद को संबोधित करते हुए कहा कि पंडित नेहरू और शास्त्री जी से लेकर अटल बिहारी और मनमोहन सिंह जी तक सब ने देश को नई दिशा दी है. आज सबका गुणगान करने का समय है. सबने इस सदन को समृद्ध करने और देश की सामान्य से सामान्य नागरिक को आवाज देने का काम किया है.राजीव जी, इंदिरा जी को जब देश ने खो दिया तब इसी सदन नेउन्हें अश्रुपूरित श्रद्धांजलि दी. हर स्पीकर ने इस सदन को सुचारू रूप से चलाया है. अपने कार्यकाल में उन्होंने जो निर्णय दिए हैं. मालवंकर जी से लेकर सुमित्रा जी तक हर एक की अपनी शैली रही है. सबने नियमों और कानूनों के बंधन में इस सदन को चलाया. मैं आज उन सभी का अभिनंदन करता हूं.
पीएम ने संसद को संबोधित करते हुए कहा कि जी 20 की सफलता को आपने सर्वसम्मति से सराहा है, मैं आपका आभार व्यक्त करता हूं. जी 20 की सफलता पूरे देश की सफलता है, ये किसी दल की नहीं बल्कि पूरे भारत और 140 करोड़ भारतीयों की है. देश की अलग-अलग सरकारों ने जी20 की बैठकें भले भव्य तरीके से आयोजित की, जिसका प्रभाव पूरे देश पर पड़ा है. भारत इस बात पर गर्व करेगा कि जिस समय भारत जी 20 का अध्यक्ष बना तो उस समय अफ्रीकन यूनियन जी20 का सदस्य बना, यह ऐतिहासिक है.
पुराने संसद भवन 75 वर्षों की यात्रा का संस्मरण
पीएम मोदी ने संसद के पुराने भवन में अंतिम बार संसद को संबोधित करते हुए कहा कि 75 वर्षों की संसदीय यात्रा का एक बार फिर से संस्मरण कराने के लिए और नए सदन में जाने के लिए उन प्रेरक पलों को, इतिहास की अहम घड़ी को स्मरण करते हुए आगे बढ़ने का ये अवसर है. हम सब, इस ऐतिहासिक भवन से विदा ले रहे हैं. आजादी के बाद इस भवन को संसद भवन के रूप में पहचान मिली. इस इमारत का निर्माण करने का फैसला विदेशी शासकों का था. हम गर्व से कह सकते हैं कि इस भवन के निर्माण में पसीना और परिश्रम देशवासियों का लगा था. उन्होंने कहा कि हर देशवासी का सदन पर अटूट विश्वास है.
पीएम मोदी ने लोकसभा में कहा कि ‘कुछ कड़वी यादें भी हैं. तेलंगाना के हक को दबोचने के लिए भारी प्रयास हुए. खून की नदियां भी बहीं और बनने के बाद न तेलंगाना उत्सव मना पाया, न आंध्र उत्सव मना पाया. एक कटुता के बीज बो दिए गए. उसी उमंग और उत्साह के साथ हम तेलंगाना का निर्माण करते तो एक नई ऊंचाई पर तेलंगाना पहुंच चुका होता
चंद्रयान 3 की उपलब्धि देश और दुनिया पर एक नया प्रभाव डालेगा
पीएम मोदी ने कहा कि हमारी संविधान सभा ने हमें संविधान दिया. इन 75 सालों में सबसे बड़ी उपलब्धि ये है कि देश के सामान्य मानवीय का इस संसद पर विश्वास बढ़ता गया और लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत ये है कि लोगों का विश्वास इस सदन के प्रति बना रहे. पीएम मोदी ने संसद को संबोधित करते हुए कहा कि चंद्रयान 3 की उपलब्धि देश और दुनिया पर एक नया प्रभाव डालेगा. इस सदन से मैं एक बार फिर देश के वैज्ञानिकों को कोटि-कोटि नमन करता हूं और उनका अभिनंदन करता हूं.
‘सरकारें आएंगी जाएंगी, पार्टियां बनेंगी बिगड़ेंगी, लेकिन यह देश रहना चाहिए:’ अटलजी को याद किया
‘सरकारें आएंगी जाएंगी, पार्टियां बनेंगी बिगड़ेंगी, लेकिन यह देश रहना चाहिए: अटल जी ने इसी सदन में कहा था,
बता दें संसद का विशेष सत्र आज से शुरू हो गया है. इस सत्र पर पूरे देश की निगाह लगी हुई हैं. दरअसल विशेष सत्र को लेकर कई तरह के कयासों का दौर जारी है. सरकार ने बताया है कि इस सत्र में आठ विधेयक पेश किए जाएंगे. इस सत्र को लेकर कयास लग रहे हैं कि सरकार कुछ सरप्राइज दे सकती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद का विशेष सत्र शुरू होने से पहले मीडिया को संबोधित किया. मोदी ने चंद्रयान-3 और जी20 शिखर सम्मेलन की सफलता का जिक्र करते हुए कहा कि भारत का सामर्थ्य पूरी दुनिया ने देखा. पीएम ने कहा, ‘मून मिशन की सफलता…. चंद्रयान-3, हमारा तिरंगा फहरा रहा है. शिव शक्ति प्वाइंट नई प्रेरणा का केंद्र बना है. तिरंगा प्वाइंट हमें गर्व से भर रहा है’. मोदी ने सभी सांसदों से चर्चा में भाग लेने की अपील करते हुए तंज भी कसा. मोदी ने कहा कि ‘रोने-धोने के लिए बहुत समय होता है, करते रहिए… जीवन में कुछ पल ऐसे भी होते हैं जो उमंग से भर देते है, विश्वास से भर देते हैं, मैं इस छोटे सत्र को उस रूप में देखता हूं.’