ऩरेंद्र मोदी द्वारा UCC समान नागरिक संहिता द्वारा बयान के बाद देश में नई बहस छिड़ गई है। इस बहस के बीच आम आदमी पार्टी ने अपना रुख साफ कर दिया है। आम आदमी पार्टी ने समान नागरिक संहिता का समर्थन किया है। आप का कहना है कि सभी की सहमति से UCC लागू होना चाहिए। UCC के मुद्दे पर सभी दलों से बात होनी चाहिए। वहीं, मुस्लिम लॉ बोर्ड ने फैसला किया है कि वो इस मामले में एक ड्रॉफ्ट तैयार करेगा। इसके बाद लॉ कमीशन से अध्यक्ष से मिलकर उन्हें वो सौंपेगा। इस ड्रॉफ्ट में शरीयत के जरूरी नियमों का जिक्र किया जाएगा, ताकि UCC से वो प्रभावित ना हों। समान नागरिक संहिता यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड का मतलब है देश में रहने वाले सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून, चाहे वो किसी भी धर्म या जाति का हो।
पाठकने भाजपा और पीएम मोदी पर UCC मुद्दे पर निशानाभी साधा।
उन्होंनेने कहा है कि यह भाजपाकी कार्यशैलीमें शामिल है कि जब भी चुनाव आता है तो वह कॉम्प्लिकेटेड और कॉम्प्लेक्स मुद्दे लेकर आती है।भाजपा को UCC लागू करने से कोई लेना देना नहीं है।वह सिर्फ कंफ्यूजन क्रिएट करती है।
AAP नेता संदीप पाठक ने कहा की “देखिए सैद्धांतिक रूप से हम इसके समर्थन में हैं। संविधान की धारा 44 भी इसका समर्थन करती है कि देश में UCC होनी चाहिए। चूँकि यह मुद्दा सभी धर्म-संप्रदाय से जुड़ा हुआ है, इसलिए हम ये चाहते हैं कि इस पर व्यापक स्तर पर बातचीत हो।”
AAP नेता ने कहा, “इसके लिए धर्म, संप्रदाय, राजनीतिक दलों से बातचीत होनी चाहिए। कुछ मुद्दे ऐसे होते हैं, जिन्हें आप आने वाले समय में रिवर्स नहीं कर सकते। कुछ मुद्दे ऐसे होते हैं, जो देश के लिए बहुत मूलभूत होते हैं। ऐसे मूलभूत मुद्दों पर तानाशाही तरीके से जाना ठीक नहीं होगा।”