फ्रांस में गुस्साई भीड़ ने कई वाहनों को आग लगा दी है। हिंसा के मामले में पुलिस ने 31 लोगों को गिरफ्तार किया है। हिंसा के चलते 24 पुलिसकर्मी घायल भी हुए हैं।
फ्रांस में एक किशोर की हत्या के बाद भड़की हिंसा को दो दिन हो गए हैं और देश के अलग-अलग हिस्सों से आगजनी और पथराव की खबरें सामने आ रही हैं। लोगों की भारी भीड़ पुलिस और सुरक्षाबलों पर हमले कर रही है। अब तक कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया है। हालात तनावपूर्ण हैं। हिंसा के मामले में पुलिस ने 31 लोगों को गिरफ्तार किया है। हिंसा के चलते 24 पुलिसकर्मी घायल भी हुए हैं।
फ्रांस में क्या था मामला
घटना मंगलवार की है। दरअसल राजधानी पेरिस के उपनगर नानतेरे में ट्रैफिक नियम तोड़ने पर पुलिसकर्मी ने एक किशोर को गोली मार दी थी, जिससे उसकी मौत हो गई। किशोर को पॉइंट ब्लैंक रेंज से छाती में गोली मारी गई। पहले पुलिस ने बताया कि किशोर ने पुलिसकर्मियों पर गाड़ी चढ़ाने की कोशिश की, जिस पर पुलिस ने गोली चलाई। हालांकि घटना का वीडियो सामने आने के बाद साफ हो गया कि पुलिस झूठ बोल रही है। इससे लोगों का गुस्सा भड़क गया।
कई पुलिसकर्मी घायल बड़ी संख्या में लोग गिरफ्तार
गुस्साए लोगों ने पथराव आगजनी शुरू कर दी। कई वाहनों में आग लगा दी गई। नानतेरे शहर में प्रदर्शनकारियों ने आतिशबाजी की, जिससे जगह-जगह आग लग गई। यह हिंसा देश के अलग-अलग हिस्सों में फैल गई है। बसों में आग लगा दी गई है। फ्रांस के दक्षिणी शहर तोलाउस में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच पथराव हुआ। पुलिस ने 31 लोगों को हिंसा के आरोप में गिरफ्तार किया है। हिंसा की घटनाओं में 24 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
फ्रांस में घटना को लेकर राजनीति शुरू हो गई
पुलिसकर्मी द्वारा किशोर की गोली मारकर हत्या करने की निंदा हो रही है। कई सेलिब्रिटी ने घटना पर दुख जताया है। सरकार ने भी अपने बयान में सुरक्षाबलों की ही आलोचना की है। राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रां ने कहा कि किशोर की हत्या अस्वीकार्य और अक्षम्य है। इस हत्याकांड को किसी भी तरह से न्यायोचित करार नहीं दिया जा सकता। बता दें कि फ्रांस में इस घटना से पुलिस नियमों में सुधार की मांग उठने लगी है। खासकर जातीय अल्पसंख्यकों से डील करने के मामले में पुलिस के व्यवहार की आलोचना शुरू हो गई है। बीते साल फ्रांस में पुलिस की कार्रवाई में 13 लोगों की मौत हुई थी।