पुरुषोत्तम रूपाला द्वारा क्षत्रिय समाज को लेकर की गई विवादित टिप्पणी के बाद क्षत्रिय समाज में काफी गुस्सा है क्षत्रिय समाज में आक्रोश दिन प्रति दिन बढ़ता रहा है, वहीं क्षत्रिय समाज द्वारा परसोत्तम रूपाला को माफ करने से इनकार के बीच काठी क्षत्रिय समाज ने रूपाला को माफ कर दिया है. सौराष्ट्र में 6 लाख सहित गुजरात में 14 लाख से अधिक की आबादी वाला काठी क्षत्रिय समुदाय इस विरोध से दूर हो गया है। अखिल भारतीय काठी क्षत्रिय समाज के अध्यक्ष मुनाभाई वीचिया ने कहा कि हमारी कोर कमेटी की बैठक हुई, जिसमें सभी बुजुर्गों ने निर्णय लिया कि रामभक्त वरेला काठी क्षत्रिय समाज को लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समर्थन करना चाहिए.
जब गुजरात के प्रपौत्र नरेंद्र मोदी का नेतृत्व होगा तो सौराष्ट्र और काठियावाड़ में रहने वाला काठी क्षत्रिय समुदाय भाजपा से हाथ मिलाएगा और उसे लोकसभा चुनाव में विजयी बनाएगा। आज दुनिया में जिस तरह की अराजकता है, ऐसे में भारत में स्थिर शासन को मजबूत करने के लिए भाजपा का समर्थन किया जाएगा।’ इस तरह लोकसभा चुनाव में बीजेपी को वोट देकर नरेंद्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनेंगे.
काठी क्षत्रिय समाज में भी दो गुट हैं
काठी क्षत्रिय समुदाय भाजपा को समर्थन दे रहा हैं। काठी क्षत्रिय समाज के अध्यक्ष ने राजकोट शहर भाजपा के कमलम कार्यालय जाकर प्रेसकोन्फरन्समें रुपाला को माफ़ी और भाजपा को समर्थन देता है। उसी बीच काठी क्षत्रिय समाज के ही रमकुभाई करपडा अपने ही काठी समाज के समर्थन के विरोधमें है। उन्होंने नवजीवन न्यूज़ प्रशांत दयाल के युटुब पर लाईव आकर पत्रकार तुषार बसीया को बताया की जो लोगोने प्रेस कोन्फरन्स किया वो सारे लोग भाजपा से जुड़े है। और भाजपा के कार्यकर्ता हैं। उनको भाजपा के पास से कुच लाभ लेना होगा ईस लिये समर्थन किया होगा…और 5 लोग जमा होकर भाजपा का समर्थन करते हो तो वो पुरे… समाजने समर्थन किया वो माना नहीं जायेगा…..
क्षत्रिय समाज में दरार क्यों…
मुगलों-अंग्रेजोने 1000 साल तक राज किया क्योंकि क्षत्रिय तब भी एक नहीं थे और आज भी एक नहीं हैं। क्षत्रियों की ईसी दरार के कारण मुग़लों ने भारत देश में राज किया और अंग्रेजोने भी राज किया अगर क्षत्रिय एक होता अलग अलग भागोमें अलग अलग शाखाओमें बटा न होता तो रुपाला जैसे क्षत्रिय समाज विरोधी मानसिकता वाले नेताको कबका उखाड फेंका होता और आज भारत देशमें एक क्षत्रिय प्रधानमंत्री होता क्षत्रिय ईस तरह बटा हैं की अलग-अलग मुख्य शाखाएँ हैं जिनमें सूर्यवंशी, चन्द्रवंशी, अग्निवंशी, नागवंशी आदि शामिल हैं। जिसमें सूर्यवंशियों को सूर्य का वंशज माना जाता है। इन्हें राम का वंशज भी माना जाता है। बड़गूजर, गुर्जर, कछवाहा, मौर्य, राठौड़, रोर, सेंगर, सिसौदिया, झाला, गोहिल, खोड़, खत्री पंजाब, कुर्मी, लोहाना, मीणा, पुंडीर आदि केवल सूर्यवंशी के वंशज हैं सिवाय चंद्रवंशी, अग्निवंशी, नागवंशी के सभी इनमें से खराज जाति के क्षत्रिय भी क्षत्रियों में विभाजित हैं।
राजकोट शहर भाजपा के कमलम कार्यालय जाकर प्रेस कोन्फरन्समें काठी क्षत्रिय समाज रुपाला को माफ़ी और भाजपा को समर्थन देता है। उसी बीच काठी क्षत्रिय समाज के ही रमकुभाई करपडा अपने ही काठी समाज के समर्थन के विरोध में है।
देशभर में 22 करोड़ से अधिक क्षत्रिय भी केवल अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने के लिए आगे आ रहे हैं। क्षत्रिय चाहें तो अपना प्रधानमंत्री भी बना सकते हैं, लेकिन अपनी आंतरिक कलह के कारण यह क्षत्रिय समाज आगे नहीं बढ़ पाया है… हर समाज अपने समाज को आगे रखकर ही आगे बढ़ता है। जैसे मायावती, यादव, सिख समाज ये सभी समाज अपनी एकता बनाए रखते हैं, क्षत्रिय समाज अपनी एकता बनाए नहीं रखता, जिसके कारण छोटा सा आंदोलन भी नहीं हो पाता… रूपाला के विरोध में समाज एकजुट होकर आगे आता है तो विरोध में समाज के लिए कोई ताकत नहीं है…
रूपाला ने चुनाव लड़ने की ठानी
रूपाला को चुनाव लड़ाने की बीजेपी की प्रतिबद्धता की पुष्टि तब हुई जब बीजेपी ने परसोत्तम रूपाला के फॉर्म भरने की तारीख की घोषणा की. विवाद के बीच परसोत्तम रूपाला 16 अप्रैल को नामांकन फॉर्म भरेंगे. न सिर्फ फॉर्म भरे जाएंगे बल्कि बीजेपी अपनी ताकत दिखाने के मूड में है. परसोत्तम रूपाला ने एक बैठक में शायरी सुनाई और कहा कि मैत्रीपूर्ण माहौल बनाने का प्रयास किया जा रहा है. मैं आप सभी से अनुरोध करता हूं कि आप मेरे दोनों हाथ जोड़ें। धैर्य और संयम से काम लें, मुझे राजकोट लोकसभा के सभी मतदाताओं पर भरोसा है। “फानूस बनकर जिसकी हिफाजत हवा करे, वो शमा क्या बुझे जिसे रौशन खुदा करे” –