आईसीसी ने इस साल भारत की मेज़बानी में होने जा रहे वनडे क्रिकेट वर्ल्ड कप का शेड्यूल जारी कर दिया है. टूर्नामेंट की शुरुआत गुजरात के नरेंद्र मोदी स्टेडियम से होगी और फ़ाइनल मुक़ाबला भी यहीं खेला जाएगा.
भारत और पाकिस्तान के बीच बहुप्रतीक्षित मैच का गवाह भी अहमदाबाद स्टेडियम ही होगा.
पाँच अक्तूबर से शुरू होने वाले इस टूर्नामेंट के लिए चलने वाली प्रतियोगिताओं के लिए भारत के 10 शहरों के स्टेडियम चुने गए हैं.
लेकिन मोहाली, नागपुर, जयपुर और तिरुवनंतपुरम के मैदानों को वर्ल्ड कप के मुक़ाबलों के लिए न चुनने पर सोशल मीडिया में हलचल बढ़ गई है.
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने भी वर्ल्ड कप मैच के आयोजन स्थलों पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा है कि अहदाबाद क्रिकेट की नई राजधानी बनती जा रही है.
वहीं पंजाब के खेल मंत्री ने कहा है कि वो मोहाली को मेज़बानी के लिए न चुने जाने का मुद्दा बीसीसीआई के सामने उठाएंगे.
शशि थरूर ने एक ट्वीट में वर्ल्ड कप मैचों के वेन्यू पर अपनी निराशा ज़ाहिर की है.
उन्होंने लिखा है, “वर्ल्ड कप 2023 के मैचों के वेन्यू की सूची में तिरुवनंतपुरम के स्पोर्ट्सहब, जिसे कई लोग भारत में सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट स्टेडियम मानते हैं, को न देखकर दुखी हूं. अहमदाबाद देश की नई क्रिकेट राजधानी बनता जा रहा है, लेकिन क्या एक या दो मैचों की मेज़बानी केरल को नहीं मिल सकती थी?”
सवाल पंजाब के जाने-माने मोहाली स्टेडियम में वर्ल्ड कप का एक भी मुक़ाबला न कराए जाने को लेकर भी उठ रहे हैं.
मोहाली के मैदान पर ही साल 2011 में भारत और पाकिस्तान के बीच वनडे वर्ल्ड कप का सेमीफ़ाइनल मुक़ाबला खेला गया था.
इस मैच को भारत ने जीतकर फाइनल में जगह बनाई और फिर दो अप्रैल 2011 को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में श्रीलंका के ख़िलाफ़ फ़ाइनल जीतकर भारत ने दूसरी बार वर्ल्ड कप की ट्रॉफ़ी अपने नाम की. पंजाब के खेल मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने भी मोहाली को आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप की मेज़बानी करने वाले शहरों की सूची से बाहर रखने की निंदा की है. उन्होंने कहा, “राजनीतिक कारणों से पंजाब के मोहाली को टूर्नामेंट के मेज़बान शहर की सूची से बाहर रखा गया. पंजाब सरकार बीसीसीआई के सामने ये मामला उठाएगी.”
एक ट्विटर यूज़र ने बीसीसीआई को टैग करते हुए लिखा, “मोहाली में एक भी वर्ल्ड कप मैच नहीं? हालांकि, ये देखना दिलचस्प है कि कुछ मैच मुंबई और पुणे में हैं, जबकि उस समय तक वहाँ मॉनसून रहेगा. ऐसा लगता है कि पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन बीसीसीआई में अपना आधार खो चुका है.”
बीसीसीआई सचिव जय शाह ने ये सूची जारी करते हुए इसे भारत के लिए गर्व का पल बताया है. उन्होंने कहा कि भारत चौथी बार क्रिकेट वर्ल्ड कप की मेज़बानी कर रहा है, ये एक अद्भुत सम्मान है.
इसी ट्वीट पर एक यूज़र ने लिखा, “गर्व का पल तब होता जब देश के हर स्टेडियम को एक मैच मिलता ताकि पूरे देश में वर्ल्ड कप का फ़ीवर होता. ना नागपुर को मिला ना राँची और न जयपुर.”
एक अन्य यूज़र ने कहा है कि “नागपुर के वर्ल्ड क्लास स्टेडियम में भी वर्ल्ड कप के मैच नहीं होंगे.”
जयपुर के सवाई मान सिंह स्टेडियम में कोई मुक़ाबला नहीं होगा.
एक यूज़र ने सवाल किया, “जयपुर के सवाई मान सिंह स्टेडियम में कोई भी मुक़ाबला क्यों नहीं है? क्या बीसीसीआई और राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के बीच संबंध खराब हैं?”